Not known Factual Statements About Shodashi
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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।
नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥
The reverence for Goddess Tripura Sundari is obvious in just how her mythology intertwines Together with the spiritual and social fabric, supplying profound insights into the character of existence and The trail to enlightenment.
Saadi mantras are more obtainable, utilized for basic worship and also to invoke the existence of your deity in everyday life.
Inside the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered like a pivotal deity in guiding devotees in the direction of Moksha, the last word liberation through the cycle of delivery and Demise.
ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।
The get more info Tripurasundari temple in Tripura condition, domestically called Matabari temple, was very first Launched by Maharaja Dhanya Manikya in 1501, although it was most likely a spiritual pilgrimage web site For numerous hundreds of years prior. This peetham of power was in the beginning meant to become a temple for Lord Vishnu, but on account of a revelation which the maharaja had in the desire, He commissioned and installed Mata Tripurasundari inside its chamber.
देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥
संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।
वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥
The one that does this Sadhana turns into like Cupid (Shodashi Mahavidya). He is converted into a rich, common among Girls and blessed with son. He receives the caliber of hypnotism and achieves the self power.